Job ya Bussiness kya kare

Vikas Jamdade
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मनुष्य जीवन संघर्षों से परिपूर्ण है  कहने का आशय यह है की मनुष्य पर अपनी उम्र के अलग अलग पड़ावों में अलग अलग दायित्वों को पूरा करने की जिम्मेदारी उसके कन्धों पर आती है। केवल बचपन यानिकी 1 वर्ष से 12 साल तक की उम्र का समय ही एक ऐसा होता है जिससे किसी की कोई अपेक्षा नहीं जुड़ी होती है। उसके बाद ज्यों ज्यों बच्चा शिक्षा ग्रहण करने स्कूल जाता है माँ बाप को अपेक्षा रहती है की उनकी संतान पढ़ाई में अव्वल आये। और फिर उसके बाद यह सिलिसिला चलता रहता है।
यही कारण है की जब व्यक्ति की शिक्षा पूर्ण हो जाती है या व्यक्ति आगे की शिक्षा के खर्चे को उठा नहीं पाता और कमाई करने का विचार अपने मष्तिष्क में लाता है। क्योंकि सामाजिक पारिवारिक दायित्वों को निष्पादित करने के लिए मनुष्य को धन की आवश्यकता होती है। और धन कुछ काम धंधा या नौकरी करके ही कमाया जा सकता है।
ऐसे में जब व्यक्ति की पढाई पूर्ण हो जाती है तो वह विचार करता है की उसके लिए जॉब या बिजनेस में से क्या करना अच्छा रहेगा। या कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस प्रश्न को थोड़ा घुमा फिराकर पूछते हैं जैसे की नौकरी एवं बिजनेस में क्या अंतर होता है। इन दोनों प्रश्नों में मनुष्य यही जानना चाहता है की इन दोनों में से क्या बेहतर हो सकता है। हालांकि किस व्यक्ति के लिए क्या उपयुक्त रहेगा यह विभिन्न कारकों जैसे व्यक्ति की शिक्षा, रूचि, जीवन के लक्ष्य, अनुभव, कौशल, पारिवारिक स्थिति, व्यक्तिगत हालात इत्यादि पर निर्भर करता है।
इसलिए अलग अलग व्यक्तियों के लिए अलग अलग कमाई के विकल्प जैसे किसी के लिए नौकरी तो किसी के लिए जॉब करना बेहतर होता है। लेकिन आम तौर पर लोगों में यह भ्रान्ति है की जॉब के मुकाबले बिजनेस ही बेहतर होता है जबकि यह सत्य नहीं है । किसी के लिए जॉब तो किसी के लिए व्यापार करना विभिन्न कारकों के आधार पर उपयुक्त हो सकता है। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से नौकरी एवं बिजनेस में अंतर समझने का प्रयत्न करेंगे । ताकि इन अंतरों को जानकार लोग खुद निर्णय लेने में सक्षम हो सकें की उनके लिए रोजगार का कौन सा स्रोत बेहतर साबित होगा।

 इस विषय मे एक प्रेरक कहाणी आपको बताता हू जो आपको पसंद आयेगी 

एक बडी कंपनी के गेट के सामने एक प्रसिद्ध समोसे की दुकान थी, लंच टाइम में अक्सर कंपनी के कर्मचारी वहाँ आकर समोसे खाया करते थे।
एक दिन कंपनी के एक मैनेजर समोसे खाते खाते समोसेवाले से मजाक के मूड में आ गये।
मैनेजर साहब ने समोसेवाले से कहा, "यार विजय , तुम्हारी दुकान तुमने बहुत अच्छे से maintain की है, लेकीन क्या तुम्हे नही लगता के तुम अपना समय और टैलेंट समोसे बेचकर बर्बाद कर रहे हो.? सोचो अगर तुम मेरी तरह इस कंपनी मे काम कर रहे होते तो आज कहा होते.. हो सकता है शायद तुम भी आज मैंनेजर होते मेरी तरह.."
इस बात पर समोसेवाले गोपाल ने बड़ा सोचा, और बोला, " सर ये मेरा काम आपके काम से कही बेहतर है, 10 साल पहले जब मै टोकरी मे समोसे बेचता था तभी आपकी जॉब लगी थी, तब मै महीना हजार रुपये कमाता था और आपकी पगार थी 20 हजार।
इन 10 सालो मे हम दोनो ने खूब मेहनत की..
आप सुपरवाइजर से मॅनेजर बन गये.
और मै टोकरी से इस प्रसिद्ध दुकान तक पहुँच गया.
आज आप महीना 40,000 कमाते है
और मै महीना 2,00,000
लेकिन इस बात के लिए मै मेरे काम को आपके काम से बेहतर नही कह रहा हूँ।
ये तो मै बच्चों के कारण कह रहा हूँ।
जरा सोचिए सर मैने तो बहुत कम कमाई पर धंधा शुरू किया था, मगर मेरे बेटे को यह सब नही झेलना पडेगा ।
मेरी दुकान मेरे बेटे को मिलेगी, मैने जिंदगी मे जो मेहनत की है, वो उसका लाभ मेरे बच्चे उठाएंगे। जबकी आपकी जिंदगी भर की मेहनत का लाभ आपके मालिक के बच्चे उठाएंगे।
अब आपके बेटे को आप डाइरेक्टली अपनी पोस्ट पर तो नही बिठा सकते ना.. उसे भी आपकी ही तरह जीरो से शुरूआत करनी पडेगी.. और अपने कार्यकाल के अंत मे वही पहुच जाएगा जहाँ अभी आप हो।
जबकी मेरा बेटा बिजनेस को यहा से और आगे ले जाएगा.. और अपने कार्यकाल मे हम सबसे बहुत 'आगे निकल जाएगा.. अब आप ही बताइये किसका समय और टैलेंट बर्बाद हो रहा है ?" मैनेजर साहब ने समोसेवाले को 2 समोसे के 20 रुपये दिये और बिना कुछ बोले वहाँ से खिसक लिये.........

व्यवसाय शिक्षा आज के समय मे क्यू जरुरी है

व्यवसाय शिक्षा आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यवसायिक क्षेत्र में ज्ञान और दक्षता को बढ़ावा देता है और कई तरीकों से लाभकारी हो सकता है:
  1. व्यवसाय में सफलता: व्यवसाय शिक्षा आपको व्यवसाय के प्रमुख प्रिंसिपल्स, मैनेजमेंट, वित्त, और विपणन की समझ प्रदान करती है, जिससे आप अपने व्यवसाय में सफल हो सकते हैं.
  2. रोजगार के अवसर: 1व्यवसायी अगर अपना Bussiness शुरु करता हैं तो कई लोगो के लिये नौकरी के लिए अवसर भी तैयार करता है, क्योंकि कई कंपनियों को व्यापारिक ज्ञान और कौशल व्यक्तियों की आवश्यकता होती है.
  3. उद्यमिता: व्यवसाय शिक्षा उद्यमिता को बढ़ावा देती है और आपको नए व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए साहस प्रदान करती है.
  4. वित्तीय ज्ञान: इसके माध्यम से आप वित्तीय योजनाएं बना सकते हैं और पूंजी के प्रबंधन के बारे में सिख सकते हैं.
  5. बाजार जानकारी: व्यवसाय शिक्षा आपको बाजार में कीमत और मांग की समझ प्रदान करती है, जिससे आपके व्यवसाय की सफलता में मदद मिलती है.

व्यवसाय का महत्त्व

व्यवसाय का महत्व समृद्धि और समाज के लिए कई तरीकों से होता है:
  1. रोजगार का स्रोत: व्यवसाय रोजगार का महत्वपूर्ण स्रोत होता है, जिससे लोगों को नौकरी मिलती है और उनका आर्थिक विकास होता है.
  2. आर्थिक विकास: व्यवसाय से निवेशकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है और यह आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करता है.
  3. नवाचार और तकनीक: व्यवसाय नए नवाचार और तकनीक के विकास को प्रोत्साहित करता है, जिससे उत्पादन और सेवाओं में सुधार होता है.
  4. वित्तीय स्वाधीनता: व्यवसाय लोगों को वित्तीय स्वाधीनता प्राप्त करने में मदद करता है, क्योंकि वह अपनी आर्थिक स्थिति को स्वायत्त कर सकते हैं.
  5. सामाजिक समृद्धि: व्यवसाय से उत्पन्न आर्थिक संसाधनों का समाज में वितरण होता है, जिससे सामाजिक समृद्धि होती है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है.
  6. नए विचारों की समर्थन: व्यवसायिक धारा के माध्यम से नए और साहसी विचारों को समर्थन मिलता है, जो समाज को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं.
इन कारणों से, व्यवसाय का महत्व समाज के सामाजिक और आर्थिक विकास में अत्यधिक होता है और इसका महत्व निरंतर बढ़ता रहता है।

व्यवसाय ओर नोकरी मे फरक 

  • स्वाधीनता और जिम्मेदारी:
  1. व्यवसाय: व्यवसाय करने वाले अपने काम के पूरे जिम्मेदार होते हैं और उन्हें अपने व्यवसाय की पूरी जिम्मेदारी होती है.
  2. नौकरी: नौकरी करने वाले अकसर किसी कंपनी या अन्य संगठन के तहत काम करते हैं और उनकी जिम्मेदारी विशेष कार्य क्षेत्र में सीमित रहती है.
  • आर्थिक लाभ:
  1. व्यवसाय: व्यवसाय करने वाले अपने व्यवसाय के सभी लाभ को अपने पास रखते हैं और उनका आर्थिक लाभ अधिक हो सकता है.
  2. नौकरी: नौकरी करने वाले को आमतौर पर एक निर्धारित वेतन मिलता है और उनका आर्थिक लाभ सीमित होता है.
  • व्यापारिक जोखिम:
  1. व्यवसाय: व्यवसाय करने वाले को व्यवसायिक जोखिम उठाने की आवश्यकता होती है, और उन्हें अपने पूंजी को खोने का भी खतरा होता है.
  2. नौकरी: नौकरी करने वाले को आमतौर पर कम व्यापारिक जोखिम होते हैं क्योंकि उनकी जिम्मेदारियां संगठन द्वारा निर्धारित की जाती हैं.
  • समय का प्रबंधन:
  1. व्यवसाय: व्यवसाय करने वालों को अपने समय को स्वतंत्र रूप से प्रबंधित करना होता है.
  2. नौकरी: नौकरी करने वालों का समय अकसर संगठन के कामकाज और समय सारणी के अनुसार रहता है.
व्यवसाय और नौकरी दोनों के अपने फायदे और प्रतिस्पर्धा के प्रति अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताएँ होती हैं, और व्यक्तिगत परिपर्णता और लक्ष्यों के आधार पर किसी एक का चयन किया जा सकता है।

व्यवसाय या job किसे चूने 

व्यवसाय और नौकरी, दोनों में अपने स्वार्थिक और पेशेवर लक्ष्यों के आधार पर फायदा हो सकता है। यहां कुछ संभावित फायदे हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में हो सकते हैं:

  • व्यवसाय में होणेवाले लाभ :

  1. आर्थिक स्वाधीनता: व्यवसाय करने से आप अपने आर्थिक स्वाधीनता का अधिक आनंद उठा सकते हैं और अपने लाभ को सीधे प्राप्त कर सकते हैं.
  2. नियोक्ता बनना: यदि आप अपने व्यवसाय में सफल होते हैं, तो आप नौकरी देने वाले के रूप में भी बन सकते हैं, जिससे आप दूसरों को रोजगार प्रदान कर सकते हैं.
  3. स्वतंत्रता और नियंत्रण: व्यवसाय करने से आपको अपने काम पर पूरा नियंत्रण होता है, जिससे आप अपने विचारों को अमल में ला सकते हैं.

  • नौकरी से मिलनेवाले लाभ :

  1. सुरक्षा और सुविधाएँ: नौकरी करते समय, आपको आमतौर पर नियोक्ता द्वारा सुरक्षा और सुविधाओं का आनंद मिलता है.
  2. कैरियर का अवसर: कुछ करियर, खासतर सरकारी नौकरियां, विशेष लाभ और सुविधाओं के साथ आती हैं, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं.
  3. कैरियर में विकास: नौकरी करने से आप अपने कैरियर को विकसित करने के अवसर प्राप्त कर सकते हैं और अपने कौशल को सुधार सकते हैं.
फायदा किसमे ज्यादा होता है, यह व्यक्तिगत आवश्यकताओं, लक्ष्यों, और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। आपके लक्ष्य और प्राथमिकताओं के आधार पर, आपको व्यवसाय या नौकरी का चयन करना चाहिए। इस लेख का सार मेरे हिसाब से यही हैं कि अगर आप अपनी आनेवाली पिढीयो का सोचते हो तो व्यवसायी बनो.जॉब करने वाले से जॉब देनेवाला बनो.

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