जेनेरिक दवा Generic Drug क्या है और महत्त्व

Vikas Jamdade
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जेनेरिक दवा (Generic Drug) क्या है और महत्त्व
  • जेनेरिक दवा (Generic Drug) एक विशेष प्रकार की दवा होती है जो किसी निर्माता कंपनी के नाम से नहीं बिकती है। जेनेरिक दवाएं उन दवाओं के समान होती हैं जो पहले से उपलब्ध और प्रमाणित ब्रैंड नाम के तहत बिक रही होती हैं, परन्तु उन्हें उसी सकारात्मक रूप में बनाया जाता है लेकिन किसी अन्य नाम से बेची जाती है।
  • जेनेरिक दवाएं अक्सर उसी मात्रा, उसी संघटकों के साथ और उसी संचय के साथ उपलब्ध होती हैं जिसके अनुसार उनकी ब्रैंड नाम की दवाएं उपलब्ध होती हैं। इन दवाओं का उपयोग भी उनी ही रूप में होता है जैसे कि उस दवा के ब्रैंड नाम से होता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त होती है जो उच्च वित्तीय लागतों से बचने के लिए जनेरिक दवाएं खरीदते हैं।
जेनेरिक दवाएं की बाजार में प्रमुखता के कुछ कारण हैं:
  1. कानूनी प्रक्रिया: किसी नई दवा के विकास और लॉन्चिंग में बहुत वक़्त और धन लगता है। जेनेरिक दवाएं उस दवा के पेटेंट की समय सीमा खत्म होने के बाद बाजार में उपलब्ध होती हैं।👉गन्ने के जुस के फायदे
  2. अलग ब्रैंडिंग और पैकेजिंग की आवश्यकता नहीं होती है: जेनेरिक दवाएं उन दवाओं के सामान्य नाम से बेची जाती हैं, जिससे उन्हें अलग ब्रैंडिंग और पैकेजिंग की खर्च की जरूरत नहीं होती।
  3. मानक गुणवत्ता: जेनेरिक दवाएं उसी विश्वसनीयता और मानक गुणवत्ता के साथ आती हैं जो उन दवाओं के ब्रैंड नाम से उपलब्ध होती हैं।👉Aloevera-Product-Use
  4. कीमत में कमी: जेनेरिक दवाएं ब्रैंड नाम के तहत बिकने वाली दवाओं के मुकाबले अधिक मात्रा में उपलब्ध होती हैं और इसलिए इनकी कीमत भी कम होती है।
  5. जरूरी है कि जेनेरिक दवाएं संबंधित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दवा प्राधिकरणों द्वारा मान्यता प्राप्त और गुणवत्ता द्वारा परीक्षित हों, जो उनकी सुरक्षा और प्रभावकारिता को सुनिश्चित करते हैं।
जेनरिक दावाई ओर ब्रॅण्डेड दवाई की तुलना
नाम और पैकेजिंग:
  1. जेनेरिक दवाई: जेनेरिक दवाएं उन दवाओं के नाम से बिकती हैं, जो उनके सकारात्मक रूप में ब्रांडेड दवाओं के तहत उपलब्ध होती हैं। इनकी पैकेजिंग आम तौर पर अलग और साधारण होती है।
  2. ब्रैंडेड दवाई: ब्रैंडेड दवाएं उन निर्माता कंपनियों द्वारा बिकती हैं जिन्होंने उन्हें विकसित किया है। इनकी पैकेजिंग आम तौर पर उनके ब्रैंड लोगों और खास डिज़ाइन के साथ आती है।
मूल्य (कीमत):
  1. जेनेरिक दवाई: जेनेरिक दवाएं ब्रैंडेड दवाओं के मुकाबले अधिक सस्ती होती हैं, क्योंकि इन्हें नई दवा के विकास और प्रचार-प्रसारण के अतिरिक्त खर्च नहीं करने पड़ते हैं।
  2. ब्रैंडेड दवाई: ब्रैंडेड दवाएं जेनेरिक दवाओं की तुलना में कुल में अधिक मूल्यराशि पर उपलब्ध होती हैं। यह उनके विकास, विज्ञापन, और ब्रैंडिंग के खर्च के कारण होता है।
उपयोग में समानता:
  1. जेनेरिक दवाई: जेनेरिक दवाएं उसी सकारात्मक रूप में उपलब्ध होती हैं जैसे कि ब्रैंडेड दवाएं उपलब्ध होती हैं। इनका उपयोग, खुराक, और उपचार में भी कोई विशेष अंतर नहीं होता।
  2. ब्रैंडेड दवाई: ब्रैंडेड दवाएं भी उसी सकारात्मक रूप में उपलब्ध होती हैं जैसे कि जेनेरिक दवाएं उपलब्ध होती हैं। इन्हें डॉक्टर या चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा परामर्श लेना उचित होता है।
पटेंट:
  1. जेनेरिक दवाई: जेनेरिक दवाएं पटेंट समय सीमा समाप्त होने के बाद उपलब्ध होती हैं। पटेंट के समाप्त होने के बाद, अन्य निर्माता कंपनियां भी उसी दवा को नाम से उपलब्ध कर सकती हैं।
  2. ब्रैंडेड दवाई: ब्रैंडेड दवाएं उस समय तक पटेंट के तहत रहती हैं जब तक उनके पटेंट समय सीमा समाप्त नहीं हो जाती। इसके बाद, अन्य निर्माता कंपनियां उसी दवा को जेने
भारत मे जेनरिक दवाई क्यू जरुरी है
भारत में जेनेरिक दवाई जरूरी है क्योंकि यह कई तरीकों से सामान्य जनता और समाज के लिए फायदेमंद साबित होती है। निम्नलिखित कुछ कारण व्यक्त करते हैं कि भारत में जेनेरिक दवाई क्यों जरूरी है:
  1. आर्थिक सुविधा: जेनेरिक दवाई ब्रैंडेड दवाओं के मुकाबले सस्ती होती हैं। यह विभाजन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए अधिक सुलभ होती है, जो उच्च मूल्य वाली ब्रैंडेड दवाओं को खरीदने में सक्षम नहीं होते हैं।
  2. गुणवत्ता: जेनेरिक दवाएं उसी मानक गुणवत्ता के साथ आती हैं जैसे कि उन ब्रैंडेड दवाओं के तहत उपलब्ध होती हैं। भारतीय दवा प्राधिकरण (Drug Controller General of India) द्वारा इनके गुणवत्ता और सुरक्षा की निगरानी की जाती है।
  3. विकल्प के रूप में: जेनेरिक दवाएं उन्हें विकल्प के रूप में प्रदान करती हैं जब ब्रैंडेड दवाओं की उपलब्धता और उनके मूल्य का सामना करना मुश्किल होता है।
  4. उपयुक्तता और समर्थन: जेनेरिक दवाएं उसी रूप में उपलब्ध होती हैं जैसे कि ब्रैंडेड दवाएं और डॉक्टर द्वारा उन्हें प्राथमिकता दी जा सकती है। इन्हें ब्रैंडेड दवाओं की तरह ही उपयोग किया जा सकता है और यह उसी रूप में काम करती हैं।
  5. उपलब्धता: जेनेरिक दवाएं ब्रैंडेड दवाओं के तहत उपलब्ध होती हैं, जो उन्हें उनके पटेंट समय सीमा के बाद उपलब्ध कराई जाती हैं। इससे दवाईयों की उपलब्धता और उपयोगकर्ताओं की सेवाएं बढ़ जाती हैं।
इन सभी कारणों से, जेनेरिक दवाएं भारत में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण अंग हैं जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती हैं। यह सामान्य जनता को उच्च मूल्य वाली दवाओं से बचाने और उच्च गुणवत्ता वाले उपायों को सुलभ बनाने में मदद करती हैं।
जेनरिक दवाई कहासे खरिदे
जेनेरिक दवाई खरीदने के लिए आप निम्नलिखित स्थानों से चुन सकते हैं:
  1. जेनरिक मेडिकल स्टोअर : आप अपने नजदीकी जेनरिक मेडिकल स्टोअर में जेनेरिक दवाएं खरीद सकते हैं। ये छोटे आयुर्वेदिक दुकानें या दवा दुकानें होते हैं जो जेनेरिक और ब्रैंडेड दवाएं उपलब्ध कराते हैं।
  2. ऑनलाइन दवा दुकान: आजकल बहुत से ऑनलाइन दवा दुकानें हैं जो जेनेरिक दवाएं बेचते हैं। आप अपने चयनित दवा का नाम या सामग्री का नाम ऑनलाइन खोजकर इन दुकानों से खरीद सकते हैं।
  3. Jenricwala
  4. Netmeds
  5. 1mg 
  6. medkart.in
  7. genericure.in
  8. नगर निगम के दवा केंद्र: अधिकांश नगर निगमों में दवा केंद्र होते हैं जो जेनेरिक दवाएं बेचते हैं। आप नजदीकी नगर निगम के दवा केंद्र पर जाकर अपनी जरूरत के अनुसार दवा खरीद सकते हैं।
  9. अस्पताल फार्मेसी: अस्पतालों में भी दवा की फार्मेसी होती है जो जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराती हैं। अगर आप अस्पताल में इलाज के दौरान या चिकित्सा विशेषज्ञ के परामर्श पर जेनेरिक दवा खरीदना चाहते हैं, तो आप अस्पताल फार्मेसी से भी खरीद सकते हैं।
जेनेरिक दवाई खरीदते समय ध्यान रखें कि आप एक प्रमाणित दवा दुकान से खरीद करें, जैसे कि एक आयुष मंत्रालय द्वारा स्वीकृत या लाइसेंस प्राप्त दवा दुकान, ताकि आपको असली और गुणवत्ता दर्जे की दवाएं ही मिलें। दवा खरीदते समय उपयुक्त खरीदारी क्वायरी और परामर्श करना भी महत्वपूर्ण होता है।

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