नमस्कार दोस्तों कैसे हो.हमारेप्लॅनेट मे हम वृक्षो ओर पेडो के सिवा जीवन की कल्पना नही कर सकते. क्युकी पेड हमे जीवित रखते है.तो. आज हम दुनिया मे पाये जाणेवाले अनोखे अजीब पेडो की जाणकारी अपने पसंददिदा ब्लॉग vikasjamdade.blogspot.com मे पढ सकते हैं तो कृपया अपने दोस्तों को शेअर करे. दुनिया में कई प्रकार के अजब पेड होते हैं.पाणी पिलाने वाला पौधा,जिनमे मक्खन देने वाला पेड़,चलने वाला पौधा,शिकारी पेड जैसे विभिन्न प्रकार के कीटों, कीड़ों और अन्य सजीवों को भक्षण करने वाले पेड मौजुद हैं.
पाणी पिलाने वाला पौधा - साइबेरिया के जंगल में "फाउण्टेन" ट्री नामक एक ऐसा पौधा पाया जाता है जो राहगीरों को पानी पिलाकर उनकी प्यास बुझाता है। इस वृक्ष के तने में चीरा लगाने पर पानी का फव्वारा फूट पड़ता है। इससे राहगीर गर्मी में अपनी पानी की आवश्यकता पूरी करते हैं। चीरा लगाने के थोड़ी देर बाद पानी निकलना अपने आप बंद हो जाता है। यूरोप के मेडागास्कर में वृक्षों की ऐसी प्रजाति पायी जाती है, जो प्यासे राहगीरों की प्यास बुझाती है। इसके पत्तों की बनावट प्यालों की तरह होती है। इनमें वर्षा का पानी जमा हो जाता है जो कई सप्ताह तक उसमें भरा रहता है।
मक्खन देने वाला पेड़. - उत्तरी अमेरिका में मक्खन देने वाले पेड़ पाये जाते हैं। इनमें अखरोट की तरह का कड़े आवरण वाला फल लगता है। इसे सुखाकर तोडऩे पर अन्दर मक्खन जैसे रंग, स्वाद व गंध वाला सफेद चिकना पदार्थ निकलता है। यह अत्यन्त ही पौष्टिक व स्वादिष्ट होता है। इस मक्खन जैसे पदार्थ को दो वर्षों तक बिना खराब हुए सुरक्षित रखा जा सकता है। "म्यूनेम" नामक यह वृ़क्ष जिस मक्खन को प्रदान करता है वह वास्तविक मक्खन से काफी पौष्टिक होता है। इसके एक वृक्ष से एक साल में लगभग 45 किलोग्राम तक मक्खन संग्रह किया जा सकता है।
शिकारी पौधा - डायोनिया मस्कीप्यूला शिकारी पौधों में सबसे खतरनाक माना जाता है। इसके वार से कोई नहीं बच सकता। यह इतना सक्रीय होता है कि हल्की सी आहट भी पकड़ लेता है। इसके दो पत्ते इसके लिए शिकार का काम करते हैं जिनके ऊपर लगे बाल इतने सक्रीय होते हैं कि चींटी तक की मौजूदगी पहचान लेते हैं। जैसे ही शिकार करीब आया यह 1 सेकंड में उसे निगल लेता है।
चलने वाला पौधा - अमेरिका में "मेनग्रोव" नामक एक ऐसा पौधा है, जो एक-जगह से दूसरी जगह तक घूमता रहता हैं। यह पौधा तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है। अपना घूमने का शौक पूरा करने के लिए यह हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर लेता है। सड़ी लकडिय़ों के बीच उगने वाला "स्लाइम मॉल्ड" नामक एक ऐसा पौधा होता है जो बैक्टीरिया पर जीवित रहता है। अपने कुछ ही घण्टों के जीवनकाल में यह बारह इंच की दूरी तय कर लेता है। यह प्रकाश की ओर चलकर अपनी अगली पीढ़ी के लिए उपयुक्त घर को सुनिश्चित कर देता है।वन्द्रिंग ट्री (Wandering Tree) नामक पेड को अजब पेड के रूप में पहचाना जाता है जो पोलैंड के पश्चिमी हिस्से में पाया जाता है। यह पेड अपने अद्वितीय और भटकते हुए रूप के लिए प्रसिद्ध है, जिसकी वजह से उसे "वन्द्रिंग ट्री" के नाम से भी जाना जाता है। यह पेड वास्तविक रूप में पेड नहीं होता है, बल्कि एक पौधे की तरह विकसित होता है जिसके ऊपर कई टकड़े उग आते हैं। ये टकड़े होते हैं जिनमें पत्तियाँ और फूल उगते हैं।इस पेड के बारे में उचित जानकारी कम होने की वजह से उसके विकास और जीवन चक्र के बारे में सटीक जानकारी नहीं है। इसके अलावा, वन्द्रिंग ट्री को पालने की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि यह एक आत्मीय पौधा होता है जिसे सही सुनारी और जल देने की आवश्यकता होती है।यह पेड पोलैंड के पश्चिमी हिस्से के वनों में पाया जाता है और वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य को और भी बढ़ाता है। लोग इसे देखने के लिए इस इलाके में आते हैं और इसकी खासियत का आनंद लेते हैं।इस अजब पेड की खासियतें और उसकी प्राकृतिक सुंदरता ने उसे विशेष बना दिया है। यह विशेष पेड जादू की तरह लगता है और उसकी अनूठीता के कारण लोगों का आकर्षण बनता है।
कैलिफोर्निया का रैडवुड - हाइपेरियन एक कोस्ट रेडवुड या कैलिफोर्निया रैडवुड है। यह पृथ्वी पर सबसे ऊंचा पेड़ है। इसके पेड़ आमतौर पर 1200 से 1800 साल जिन्दा रहते हैं। हाइपेरियन 115.5 मीटर लम्बा तथा 9 मीटर व्यास का होता है। इसका मतलब हुआ कि यह न्यूयॉर्क की ‘स्टैच्यू आफ लिबर्टी’ से ऊँचा है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 95% मूल कोस्ट रेडवुड काटे जा चुके हैं तथा इन विशाल वृक्षों के संरक्षण की स्थिति बड़ी नाजुक है। रेडवुड (Redwood) एक विशेष प्रकार का पेड़ होता है जो प्रमुख रूप से उत्तरी कैलिफोर्निया और पश्चिमी अमेरिका में पाए जाते हैं। इन पेड़ों की सबसे खासियत है उनकी शाखाओं की लंबाई और उनकी ऊँचाई, जो अक्सर 300 फीट तक हो सकती है। रेडवुड के पेड़ का वृक्षारोहण भी बहुत विशेष होता है, क्योंकि यह काफी अधिक वर्षों तक जीवित रह सकता है।इन पेड़ों की चार प्रमुख प्रजातियाँ होती हैं - समरेडवुड (Sequoia sempervirens), बिग ट्री या जायंट समरेडवुड (Sequoiadendron giganteum), डॉन रेडवुड (Metasequoia glyptostroboides) और मैदन रेडवुड (Metasequoia glyptostroboides)।रेडवुड के पेड़ की छाया में बैठकर आत्मा की शांति मिलती है और इनके निकटतमी को देखकर हर किसी का जीवन आदर्शवान लगता है। ये पेड़ अपनी शाखाओं की दिशा में फैलती हवा को भी आकर्षित करते हैं और इसका मतलब है कि वे जल, उपादान और शांति के प्रतीक के रूप में सामग्री उपलब्ध कराते हैं।पश्चिम पोलैंड में
घुमावदार ग्राइफिनो पेड -पश्चिम पोलैंड में ग्राइफिनो के पास तकरीबन 400 अजीब पेड़ है। ऐसा माना जाता है कि इंसान के यांत्रिकी दखल से ये घुमावदार हो गये हैं यद्यपि इन वृक्षों का मकसद मालूम नहीं है। कुछ लोगों का अनुमान है कि संभवत: इन्हें लकड़ी के फर्नीचर, हल या नाव के पेंदे बनाने के इरादे से ऐसा कर दिया गया होगा। बहरहाल ये वृक्ष एक रहस्य बने हुए हैं।
कनाडा का देवदार पेड - अल्बर्टा के नजदीक कनाडा में स्थित यह एक देवदार का पेड़ है। इस पेड़ के बारे में ताज्जुब की बात यह है कि 1770 के दशक में ही इसकी मौत हो गयी थी किन्तु यह आज भी बगैर सड़े-गले खड़ा है। यह पेड़ 600-750 साल पुराना हो सकता है। सन् 1998 में तेज हवा से यह गिर गया था लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे सहारा देकर फिर से खड़ा कर दिया। इसके कुछ साल बाद कुछ शरारती लोगों ने इसकी एक डाल तोड़ दी। स्थानीय लोगों ने एक बार फिर उस टूटी हुए डाल को जोड़ दिया। ऐसा मानते हैं कि बर्मिस ट्री का दुनिया में सबसे ज्यादा फोटो लिया गया होगा। कनाडा का देवदार एक विशेष प्रकार का पेड है जो केवल कनाडा में पाया जाता है। यह पेड अपने विशेष रूप, व्यापारिक महत्व और लम्बाई के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ इस पेड के अद्वितीय विशेषताओं को जानते हैं: रूपरेखा: कनाडा का देवदार एक महत्वपूर्ण और बड़ा पेड है जिसकी ऊँचाई लगभग 40 से 70 मीटर तक होती है। इसकी छाया छाया में बड़ी और बिना शाखाओं की तीन तरफ होती है, जिससे इसकी विशेष रूपरेखा और उनकी पहचान होती है।बार्क: कनाडा के देवदार की छाल बहुत ही मजबूत होती है और उसका रंग हरा-भूरा होता है। यह बार्क कैनोलिक और रेसिन से भरपूर होता है, जिसकी बदमाशी की वजह से इस पेड को 'देवदार' नाम दिया गया है।
वाटर फ्रीजर पेड - वाटर फ्रीजर नामक एक ऐसा पौधा होता है जिसकी पत्तियों व तने के रस को पानी में कुछ बून्दें डाल देने से वह पानी बर्फ बन जाता है। इसे "जल-जमनी पौधा" के नाम से भी जाना जाता है। फेनरी द्वीप में पाया जाने वाला "लाउरेल" नामक एक ऐसा वृक्ष है जो बच्चे की तरह रोने लगता है और आंसू बहाता है। मेंढक की आकृति वाले इस पौधे को काटने या उखाडऩे पर यह जोर-जोर से रोता है। दुनिया के अजब पेड वाटर फ्रीजर के रूप में पेड़ों को जिनमें पानी जम जाता है, एक आश्चर्यजनक दृश्य हो सकता है। यहां कुछ ऐसे पेड़ की बात की जा रही है जिनमें पानी जमकर वाटर फ्रीजर की तरह बन जाता है: आइस पेड़: यह पेड़ भारत के हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है और इसके पत्तियों पर बर्फ जम सकती है। इसकी पत्तियाँ बर्फ के टुकड़ों की तरह दिखती हैं। जिंजीबर का पेड़: यह पेड़ अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है और इसके फलों पर बर्फ जम सकती है। इसके फल बर्फ के घेरे में बदल जाते हैं।
फ्रोजन ट्री: यह पेड़ कनाडा के वनों में पाया जाता है और इसके बारिश से जमने वाले पत्तों की तरह दिखते हैं। यह पेड़ फ्रोजन ट्री के नाम से प्रसिद्ध है।ये पेड़ वाटर फ्रीजर की तरह दिखते हैं और इनमें पानी जम सकता है, जो एक आश्चर्यजनक और दृश्य होता है।
सजीवभक्षक पेड -दक्षिण अमेरिका में अर्जेन्टीना के जंगलों में "क्लोरोफार्म ट्री" नामक एक ऐसा पौधा पाया जाता है जिसकी छाया में कोई व्यक्ति सो जाये तो यह पेड़ अपनी नुकीली टहनियां उसके शरीर में चुभोकर सारा खून पी जाता है। ऐसे ही कुछ नरभक्षी वृक्ष जावा और सुमात्रा के समुद्रतटीय जंगलों में पाये जाते हैं। इन्हें "मैनईटर ट्री" के नाम से जाना जाता है। जब कोई जीव जन्तु इन वृक्षों के नीचे आते है तो पेड़ की टहनियां चारों ओर से उसे अपने शिकंजे में जकड़ लेती हैं। जब जीव दम घुटने के बाद मर जाता है तो ये टहनियां वापस ऊपर उठ जाती हैं।
वैनिशिंग पेड: यह पेड अपनी पत्तियों को बनाकर छिपा लेता है और जब यह कीट इस पेड पर आकर खाने के लिए आते हैं, तो यह पत्तियाँ उन्हें चबा जाती हैं।जिम्मी पेड: यह पेड अपनी पत्तियों को बंद करके कीटों को फंसाने में मदद करता है। फिर यह अपने पत्तियों को खोलकर कीटों को खा जाता है।
आजाद पेड: यह पेड एक प्रकार की दार बनाता है जिसमें कीटें फंस जाती हैं। इस पेड की दार को फिर से बनाने में उनका समय बर्बाद हो जाता है और उन्हें खाने की आवश्यकता नहीं होती।
काफीर पेड: यह पेड अपनी पत्तियों में आवश्यक पोषण तत्व भरकर रखता है और फिर उन्हें गिराकर कीटों को खाता है।
रत्तन पेड: यह पेड अपने पत्तों की एक विशेष परत बनाता है जिसमें कीटे फंस जाते हैं और उन्हें खाता है।
इन पेडों की अनोखी खासियत यह है कि वे सजीव भक्षक होते हैं और अपने आहार की आवश्यकताएं पूरी करते हैं। इसके अलावा, ये पेड पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करते हैं।