परिवार ओर समाज मे बुजुर्ग लोगो का महत्त्व-Importance of elderly people
personVikas Jamdade
सितंबर 10, 2023
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परिवार ओर समाज मे बुजुर्ग लोगो का महत्त्व
बुजुर्ग लोगों का मानव जीवन में महत्व बहुत ही गहरा और महत्वपूर्ण होता है। ये कुछ महत्त्वपूर्ण कारण हैं:
आज कल बुजुर्ग लोगो को जानबुजकर नजरअंदाज करणे का जमाना चल रहा है .पुराणे जमाने मे आदमी बडा होने के बावजुद अपने पितासे डाट खाणे मे विनम्रता से पेश आता था.आज हम बुजुर्ग लोग कुछ कहे तो उनका अनादर करते है उन्हे नीचा दिखाने मे हीचखिता नही हैं.क्योकी हमे पैसे का घमंड आगया है.हम कुछ भी कर सकते हैं.ये बात बराबर नही हैं. क्यूकी बुजुर्ग ही परीवार को इकट्टा रखते है.बुजुर्ग एक जिती जागती live Books किताबे होती हैं.
अनुभव और ज्ञान : बुजुर्ग व्यक्ति जीवन के अनगिनत क्षणो को जीते हैं. और उनके पास अमूल्य अनुभव और ज्ञान होता है। इससे आने वाली पीढ़ियों को उनके सलाह और मार्गदर्शन का लाभ होता है। वे अच्छा सुझाव देते हैं.
सामाजिक संबंध : बुजुर्ग व्यक्तियों का समाज मे हर एक लोगो के साथ संबंध आता हैं वे समाज मे परीवार का चेहरा बनकर राहते हैं.क्यो की आजकल लोगो को नोकरी या बीजनेस मे बिझी हैं उसे समाज मे समरस होना नही आता.बुजुर्ग लोक हमारी इस कमी को पुरा कर सकते हैं. उनके साथ वक्त बिताने से आपका समाजिक जीवन मजबूत होता है और आप सीखते हैं कि जीवन के महत्वपूर्ण मोमेंट्स को कैसे अपनाया जाता है।
परंपरा और संस्कृति : बुजुर्ग वर्ग आपके संस्कृति और परंपरा के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। उन्होंने वर्षों तक अपनी संस्कृति को बचाया और आपके लिए उसकी महत्वपूर्ण जानकारी को आपके पास पहुंचाया है।आज कितने लोक सुबह 5 बजे उठकर पूजा करते है.क्यो की हम पूजा करना भूल गये है. मुझे याद है मेरी दादी जोकी अब इस दुनिया मे नहि हैं पर वो मुझे बचपन मे पूजा करने के लिये हररोज चिल्लाती थी.मुझे तब वो बरा लगता था.पर आज वो कही missing हो गया है. क्या हम अपने बच्चो को पूजा अर्चा करने को बताते हैं.क्यो की हम खुद भूल गये है.बुजुर्ग वर्ग ने वर्षों तक अपनी संस्कृति को बचाया ओर बढाया.क्या हम ये कर सकते हैं.
नेतृत्व और मार्गदर्शन : बुजुर्ग व्यक्तियां अपने जीवन के साथीदारों और समाज के लिए नेतृत्व और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। उनका अनुभव और समझ आपको जीवन के कठिन चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है।
सेवा और प्यार : बुजुर्ग व्यक्तियां अपने परिवार सदस्य और समाज की ल सेवा करने को महत्व देते हैं और प्यार देने का उनका स्वाभाव होता है। उनका आदर और स्नेह जीवन में सुख और समृद्धि लाता है।इसलिए, बुजुर्ग लोगों का मानव जीवन में महत्व विशेष रूप से उनके अनुभव, ज्ञान, सामाजिक संबंध, संस्कृति और मार्गदर्शन के कारण होता है। उनका समर्थन और सम्मान हमारे समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
बुजुर्ग लोगों का छोटे बच्चों के जीवन में महत्व बहुत ही गहरा होता है और इसके कई कारण हो सकते हैं:
परिपालन और प्यार: बुजुर्ग लोग छोटे बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण परिपालक होते हैं। उनका प्यार, देखभाल और समर्थन छोटे बच्चों के लिए मानसिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण होते हैं। आज कल पती पत्नी दोनो काम करते है.तो बच्चे को बुजूर्ग ही सांभालते हैं. उन्हे school छोडते है लाते हैं.
शिक्षा और सीखना: बुजुर्ग लोग छोटे बच्चों को अपने अनुभव और ज्ञान से भरपूर सीखने का अवसर प्रदान करते हैं। वे मानव जीवन के मूल्यों, संस्कृति और नैतिकता के साथ छोटे बच्चों को परिचित करते हैं। उन्हे कहाणी सूनाकर अच्छे संस्कार देते है.
समय और ध्यान: बुजुर्ग लोग अकसर अपने छोटे बच्चों के साथ समय बिताने का समर्थन करते हैं, जिससे छोटे बच्चों के साथ अच्छा संबंध बनता है और उनके मानसिक विकास को स्थिरता मिलती है।
समाजिक और नैतिक मूल्यों का सिखाना: बुजुर्ग लोग छोटे बच्चों को समाजिक और नैतिक मूल्यों का सिखाने में मदद करते हैं, जैसे कि सहयोग, समरसता, और सहानुभूति.
बच्चे के अच्छे दोस्त : छोटे बच्चे और बुजुर्ग व्यक्तियां एक-दूसरे के साथ वक्त बिताने से दोनों के लिए एक साथ होने का अवसर मिलता है, जिससे दोनों का अच्छा साथ आता है और जीवन का महत्व समझने में मदद मिलती है।इस तरह, बुजुर्ग लोग छोटे बच्चों के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे उनके परिपालक, शिक्षक, और सहयोगी होते हैं, जो उनके संवादनशीलता और भावनात्मक विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
समय और ध्यान: बुजुर्ग लोग छोटे बच्चों के साथ समय बिताने से उनके लिए एक स्थिर और सुरक्षित माहौल बनता है, जो उनके मानसिक और भावनात्मक विकास को सहयोग करता है।
बच्चों को बुजुर्ग लोगों का साथ नाही मिला तो कुछ नकरात्मक प्रभाव हो सकते हैं:
भावनात्मक समस्याएँ: छोटे बच्चों के लिए बुजुर्ग लोगों का साथ उनके भावनात्मक विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। इन संबंधों की कमी से अकेलापन और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
सामाजिक नैतिक मूल्यों की कमजोरी: बुजुर्ग लोग छोटे बच्चों को सामाजिक और नैतिक मूल्यों का सिखाने में मदद करते हैं। उनके बिना, बच्चे इन मूल्यों को सीखने में कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।
साथीदारी और समरसता: छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोग एक-दूसरे के साथ वक्त बिताने से दोनों को साथ में होने का अवसर मिलता है, जिससे दोनों का समरसता बढ़ता है और साथीदारी बनती है।
शिक्षा और ज्ञान: बुजुर्ग लोग अपने अनुभव और ज्ञान के साथ छोटे बच्चों को शिक्षा देते हैं। इनके बिना, बच्चों का महत्वपूर्ण ज्ञान का स्रोत खो सकता है।
इन कारणों से, बच्चों को बुजुर्ग लोगों के साथ समय बिताने का महत्व होता है, और इसे प्राथमिकता देना चाहिए, ताकि ये संबंध सुरक्षित और समर्थनयोग्य बन सकें।
आज के समाज के लोग बुजुर्ग लोगो को महत्त्व क्यो नहीं देते.
आज के समाज में कई कारण हैं जिनके कारण बुजुर्ग लोगों को पूर्ण महत्व देने में कमी आ सकती है, जैसे:
तकनीकी प्रगति: आधुनिक तकनीकी प्रगति के कारण युवा पीढ़ियों का ध्यान अक्सर नवाचारों, वर्चुअल वर्ल्ड, और आधुनिक जीवनशैली की ओर जाता है,उन्हे आभासी दुनिया जीवित लग रही है. क्योकि आज हमारा बडा वक्त ऑनलाईन मोबाईल देखणे मे जाता हैं.ओर हम जिते जागते लोगो को भूल जाते हैं.जिससे बुजुर्ग लोगों का महत्व अनदेखा हो गया है।
समय की कमी: आधुनिक जीवन में बदलते समय की बदौलत, परिवारों के सदस्य अक्सर अपने कैरियर और व्यक्तिगत जीवन में व्यस्त रहते हैं और इसके कारण बुजुर्ग परिवार के सदस्यों के साथ समय नहीं बिता पाते हैं।
जनसंख्या प्रेशर: बढ़ती जनसंख्या और जनरेशन के बीच की जनसंख्या बराबर वितरण की चुनौती पैदा कर रहा है , जिससे समाज के बुजुर्ग लोगों को नहीं देख रहे हैं.
विस्थापन और गांवों का छोड़ना: बढ़ते शहरीकरण और विस्थापन के कारण, बड़े परिवारों के लोग अक्सर गांवों को छोड़कर शहरों में जाते हैं, जिससे बुजुर्ग लोगों को अकेलापन और समाज से दूर होने का सामना करना पड़ता है।
इन कारणों के साथ, हमें बुजुर्ग लोगों का समर्थन और महत्व देने का प्रयत्न करना चाहिए, क्योंकि उनका जीवन और अनुभव हमारे समाज के लिए अत्यंत मूल्यवान हैं।
आज के समय मे बुजुर्ग ओर यंग जनरेशन दोनो का तालमेल केसे रखे.
समय बिताना: युवा पीढ़ी को अपने बुजुर्ग परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताने का प्रयास करना चाहिए। यह बुजुर्गों के साथ संबंध को मजबूत करता है और साथ ही युवाओं को उनके अनुभव से सीखने का मौका मिलता है।
समरसता और सहानुभूति: युवा पीढ़ी को बुजुर्गों के साथ समरसता और सहानुभूति दिखाना चाहिए। उनके स्वाभाविक जीवन के चुनौतियों के प्रति सहानुभूति दिखाने से वे अधिक संबंधित महसूस करेंगे।
सुनना और समझना: बुजुर्गों की बातें सुनना और समझना महत्वपूर्ण है। यह उन्हें महसूस कराता है कि उनकी बातें मूल्यपूर्ण हैं और उनका स्वार्थ मान्य जाता है।
आदर और सम्मान: युवाओं को बुजुर्गों के प्रति आदर और सम्मान दिखाना चाहिए। यह सम्मान के बिना संबंधों को बिगाड़ सकता है।
सहायता करना: युवा पीढ़ी को बुजुर्गों की सहायता करने का मौका मिलता है, जैसे कि खराबीओं को ठीक करना, या दिनचर्या के कामों में सहायता करना।
टेक्नोलॉजी का सही तरीके से प्रयोग: युवा पीढ़ी को बुजुर्गों को नई तकनीकों और इंटरनेट के उपयोग के बारे में सिखाने में मदद कर सकता है, ताकि उनके साथ डिजिटल जगत में भी तालमेल बना रहे।
संवाद में सुधार: समस्याओं और भ्रमों का सामना करने के लिए संवाद में सुधार करना महत्वपूर्ण है। समस्याओं को समझने और समाधान ढूंढने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
इन तरीकों से, बुजुर्ग और युवा पीढ़ी के बीच साथ में तालमेल बनाना संबंधों को मजबूत कर सकता है और एक साथीदारी और समरसता का माहौल बना सकता है।