ताजमहल के रहस्य

Vikas Jamdade
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"ताजमहल के रहस्य "

  1. ताजमहल को रंग बदलते देखना भि कोई अजुबे से कम नही है । दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से इसका रंग बदलता है, सुबह यह गुलाबी दिखता है और शाम को दूधिया सफ़ेद और चांदनी रात में सुनहरा दिखता है ।
  2. ताजमहल को देखने के लिए एक दिन में 12000 सैलानी आते है इतने सैलानी पूरी दुनिया में किसी भी इमारत को देखने के लिए नही आते हैं ।
  3. द्वतीय विश्व युद्ध 1945, भारत पाकिस्तान युद्ध 1971 और 9/11 के हमलों के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ताजमहल के चारों ओर बांस का घेरा बनाकर उसे हरे रंग की चादर से ढक दिया था जिससे कि यह दुश्मन को दिखायी न दे और इस पर हमला न किया जा सके |
  4. ताजमहल की कलाकृति में 28 तरह के नायाब पत्थरों को लगाया गया था| ये पत्थर चीन, तिब्बत और श्रीलंका से मंगवाए गए थे लेकिन अंग्रेजों ने इन कीमती पत्थरों को निकाल लिया था |
  5. - एसा कहा जाता है कि ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ काट दिए गए थे ताकि वे ऐसी कोई और इमारत न बना सकें लेकिन शाहजहाँ अपने इरादे में कामयाब न हो सका क्योंकि ताजमहल 1632-53 के बाद भी कई भव्य इमारतें इन्ही कारीगरों की मदद से बनवाई गई थी, इन्ही में से एक कारीगर थे उस्ताद अहमद लाहौरी जिन्होंने दिल्ली के लाल किले 1639 को बनाने में मदद की थी ।
  6. "शाहजहाँ" का यह सपना था कि वह अपने लिए भी एक काला ताजमहल बनवाए लेकिन उसके बेटे औरंगजेब के द्वारा कैद किये जाने के कारण वह काला ताजमहल बनवा नही सका. उसकी ख्वाईश अधूरी रह गई.
  7. ताजमहल मे लगे सभी फव्वारे एक साथ काम करते हैं यह जानकर चौंक जायेंगे कि इसमें लगे सभी फव्वारे एक साथ ही काम करते हैं और इनमे हर फव्वारे के नीचे एक टंकी लगी है जो कि एक ही समय मे भरती है और योग्य दबाव बनने पर पानी ऊपर फेकती है ।
  8. "मुमताज महल" के मकबरे की छत पर एक छेद है हालांकि इस छेद के पीछे कई तरह की कहानियां प्रसिद्द हैं जबकि सच्चाई यह है कि जब शाहजहाँ ने ताजमहल के पूरा बन जाने के बाद सभी मजदूरों के हाथ काट दिए जाने की घोषणा की ताकि वे कोई और ताजमहल न बना सकें, तो मजदूरों ने इसकी छत में एक ऐसी कमी छोड़ दी जिससे कि शाहजहाँ से बदला लिया जा सके और यह इमारत ज्यादा दिन न टिक सके। आज भी इसी छेद के कारण मुमताज महल का मकबरा नमी से ग्रसित रहता है।
  9. "कुतुबमीनार" से भी लम्बा है ताजमहल। वैसे तो कुतुबमीनार को भारत की सबसे लम्बी मीनार के तौर पर जाना जाता है जिसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है लेकिन यह बात काफि कम लोग जानते हैं कि ताजमहल की ऊंचाई 73 मीटर है और यह कुतुबमीनार से आधा मीटर अधिक उंचा हैं.
  10. ताजमहल एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जिसको मजबूत बने रहने के लिए नमी की जरुरत होती है, यह लकड़ी यमुना नदी के पानी से नमी सोखती है ताजमहल के बगल में यमुना नदी नही होती तो यह लकड़ी मजबूत नही होती और सायद यह अजुबा भि न टिक पाता |
  11.  ताजमहल के चारों ओर के मीनार एक दूसरे की ओर झुके हुए हैं ऐसा इसलिए बनाय गया ताकि बिजली गिरने या भूकम्प की हालत में मीनार को मुख्य इमारत पर गिरने से बचाया जा सके |

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