पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी की सफलता की कहानी Pulse kaccha amm Candy Company Success Story in Hindi
बचपन में सबसे ज्यादा लोग कैंडी खाना पसंद करते हैं, और आज हम इस लेख में एक पॉपुलर कैंडी पल्स कैंडी की Success Story के बारे में fact information लेकर आये हैं! हमें पूर्ण आशा है आपने भी पल्स कैंडी के बारे में पहले जरुर सुना होगा और खाई भी होगी! पर क्या आप जानते हैं इस कंपनी में इतनी अच्छी ग्रोथ कैसे हुई तथा एक रुपए की कैंडी बेचने वाली कंपनी आज करोड़ों रुपए की मालिक कैसे बन गई। यह लेख बहुत महत्वपूर्ण तथा Interesting होने वाला है, क्योंकि बच्चों की सबसे पसंदीदा कैंडी के बारे में हम आपको जानकारी प्रदान करेंगे आप के पसंदिदा ब्लॉग vikasjamdade.blogspot.com मे। तो आइये जानते हैं इस कंपनी की सफलता की कहानी के बारे हिंदी में.
1.व्हॉट इज पल्स कैंडी Pulse Candy
पल्स कैंडी एक तरह की टॉफ़ी है, जिसे भारत की जानी-मानी कैंडी बनाने वाली कंपनी पल्स द्वारा बनाया जा रहा है. यह कैंडी देश के हर राज्य में बिकती है। यह बच्चों से लेकरं बुढो तक की सबसे पसंदीदा कैंडी है। इसका मार्केट में दाम केवल ₹1 है। इस कैंडी का स्वाद थोड़ा मीठा तथा थोड़ा खट्टा है। यदि सरल शब्दों में कहे तो यह कच्चे आम से बनाई गई एक कैंडी है। इसका ऊपरी कवर हरे रंग का होता है। इसके अंदर स्वाद के लिए सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। यह कैंडी अन्य कैंडी के मुकाबले स्वाद में अच्छी होने के साथ ही इसकी गुणवत्ता भी अच्छी है।
2.पल्स कैंडी कंपनी का असली नाम
पल्स कैंडी बनाने वाली भारत की जानी-मानी कंपनी का नाम डीएस ग्रुप हैं जिसके संस्थापक सत्यपाल जी हैं। इस कंपनी का इतिहास ज्यादा लंबा नहीं परंतु इस कंपनी ने कम समय में अपनी पहचान पूरे भारत में बना ली है। इस कंपनी ने केवल 8 महीने में 100 करोड़ तक का बिजनेस कर किया! और वर्तमान में भी इस कंपनी के मार्केट का एक तिहाई हिस्सा इसी कैंडी का ही है। बेशक बहुत ही कम कंपनी ऐसी होती है जो इतने कम समय में अच्छा Growth कर पाती हैं। इस कंपनी ने अपनी गुणवत्ता और स्वाद को बहुत अच्छा बना कर रखा है इसलिए आज बच्चे हो या बड़े हर कोई पल्स कैंडी खाना पसंद करता है। अब इस कैंडी को बनाने वाली कंपनी विभिन्न स्वाद वाली कैंडी का निर्माण कर रही है और निरंतर अपने व्यापार का विस्तार कर रही है।
3.पल्स कैंडी आईडिया कहां से मिला Pulse Candy Idea In Hindi
डीएस कंपनी ने बहुत रिसर्च के बाद यह पता किया कि लगभग 60% भारतीयों को कच्चे आम का स्वाद ज्यादा पसंद आता है। उन लोगों को थोड़ा खट्टा खाना अच्छा लगता है। उस कंपनी ने इस बात का फायदा उठाया और अपनी पल्स कैंडी में ऐसे स्वाद डालें, जो कैंडी को थोड़ा खट्टा और मीठा बना पाए। जिसे बच्चा हो या बड़ा हर कोई खा सके। जैसा कि हम सब जानते हैं कच्चा आम खट्टा होता है यदि कंपनी केवल खट्टी कैंडी बनाती तो लोग उसे शायद ज्यादा पसंद नहीं करते।
4.पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी सफलता की कहानी कंपनी का इतिहास success story in Hindi
डीएस कंपनी के मालिक पहले सामान्य वर्ग में थे। उनके पास ज्यादा धनराशि नहीं थी, डीएस ग्रुप की स्थापना 1929 में चांदनी चौक नई दिल्ली में हुई। इसके संस्थापक लाला धर्मपाल जी है, बाद में इनके पुत्र ने इस कंपनी को खुद चलाने का निर्णय लिया और इस कंपनी का नाम डीएस ग्रुप रखा। धर्मपाल के बेटे का नाम सत्यपाल है। इस तरह से यह कंपनी कार्य कर रही है।
जैसा कि हमने बताया कि पल्स कैंडी बनाने वाली कंपनी का नाम डीएस ग्रुप है। इस कंपनी की शुरुआत 1929 में हुई थी। डीएस ग्रुप आम के स्वाद वाली कैंडी बनाने के लिए विख्यात है। यह कंपनी विभिन्न प्रकार की कैंडी बनाती है जो पूरे भारत में प्रसिद्ध है। डीएस ग्रुप ने फरवरी 2015 को गुजरात राज्य में सबसे पहले पल्स कैंडी का अनावरण किया। यह कैंडी उन लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आई । इसकी डिमांड देखते हुए कंपनी ने सोचा कि हम इसे पूरे भारत में बेचेंगे और उन्होंने यह निर्णय लेकर अपनी कैंडी को पूरे भारत में बेचना चालू कर दिया। इस तरह से कंपनी का इतिहास ज्यादा लंबा नहीं है। केवल 5 से 6 सालों में इस कंपनी ने एक तिहाई कैंडी मार्केट पर अपना कब्जा कर लिया और बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण तथा स्वादिष्ट कैंडी बनाने वाली कंपनी बन गई।
5.पल्स कैंडी का प्रचार कैसे किया Pulse Candy Marketing Tips
यदि कोई चीज अच्छी है तो उसका प्रचार प्रसार अपने आप ही हो जाता है। उसके लिए किसी प्रकार की Campaigning करने की आवश्यकता नहीं होती है या किसी प्रकार के Advertisement चलाने की आवश्यकता नहीं होती है। शुरुआत में कंपनी ने Advertisement चलाएं, परंतु बाद में उन्हें कम कर दिया जब लोग पल्स कैंडी खाते थे तो उसका स्वाद इतना अच्छा था कि लोग स्वयं ही उसका प्रचार प्रसार करने लगे जैसे मित्र या अन्य किसी रिश्तेदार को इस कैंडी के स्वाद की तारीफ सुनने को मिलती थी और इस तरह से कैंडी का प्रचार होने लगा।
आज हाल ऐसा हैं की ये कँडी भारत मे छोटे से पान की दुकान मे हमेशा मिलती है.
6.पल्स कैंडी की फेमस टैगलाइन Pulse Candy Tagline In Hindi
कंपनी अपने प्रोडक्ट के प्रचार के लिए कई प्रकार की टैगलाइन बनाती है जिससे उनको प्रचार करने में आसानी होती है। टैगलाइन बनाने से कंपनी की ब्रांडिंग हो जाती है। जिससे वह कंपनी टैगलाइन के माध्यम से विभिन्न टीवी, न्यूज़ पेपर, रेडियो आदि के माध्यम से प्रचार कर सकती है। वैसे ही पल्स कैंडी के लिए भी कंपनी ने एक टैगलाइन बनाई जो प्रचार करने के लिए सुविधा प्रदान करती है पल्स कैंडी की टैगलाइन ‘प्राण जाए पर पल्स ना जाए’ है।
7.पल्स कैंडी कंपनी का वार्षिक टर्नओवर Pulse Candy Turnover
आज इस कंपनी का सालाना टर्नओवर यानि नेटवर्थ 6600 करोड रुपए हो चुकी है और यह सालाना 12 से 14% की दर से प्रति समय बढ़ रही है. 2015 में इसकी नेटवर्थ 300 करोड़ की थी। इस कंपनी के शेयर प्राइस की बात करें तो आपको बता दें कि इस कंपनी का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 200 करोड़ की सेल है.
8.पल्स कैंडी के फ्लेवर कौन-कौन से हैं ?
पल्स कैंडी अब आम, अमरूद, संतरा, पाइनएप्पल तथा लीची फ्लेवर में उपलब्ध है।