लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव, मतदान का समय खत्म होने के तुरंत बाद एग्जिट पोल के आंकड़े जारी कर दिए जाते हैं। यह पोल याने अनुमान भविष्यवाणी करता है कि किसकी सरकार आएगी या जायेगी। हालांकि, इस एग्जिट पोल को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं कि यह किस प्रकार का है, किसकी सरकार आएगी, यह दावा किस आधार पर किया गया है, एग्जिट पोल और ओपिनियन में क्या अंतर है मतदान, आदि यह उन्हीं के उत्तर देने का प्रयास है। एग्जिट पोल एग्जिट पोल यह मतदान के दिन वोटिंग के समाप्त होणें के बाद आयोजित किया जाता है। मतदान के बाद विभिन्न सर्वेक्षण संस्थाएं मतदाताओं से कुछ सवाल पूछती हैं। यह भविष्यवाणी करता है कि उन्होंने किसे वोट दिया है। चुनाव से पहले जनमत सर्वेक्षण आयोजित किए जाते हैं। जनमत सर्वेक्षण मे समाज के सभी क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। निर्वाचन क्षेत्र में प्रमुख मुद्दों पर प्रश्नावली तैयार की जाती हैं। पता चल गया जनता का मूड क्या है.| भारत में, दिल्ली में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज ने पहली बार 1960 में एक्जिट पोल शुरू किया था।
■ 1998 में निजी समाचार चैनलों ने पहली बार एग्जिट पोल प्रसारित किया। 1935 में दुनिया का पहला एग्जिट पोल अमेरिका में प्रकाशित हुआ।
■ तब ब्रिटेन और फ्रांस में एग्जिट पोल प्रकाशित होते थे।
2.पोल कब प्रकाशित होते हैं?
मतदान प्रक्रिया पूरी होने के आधे घंटे के भीतर एग्जिट पोल प्रकाशित करने पर कारावास और आर्थिक दंड का प्रावधान है। प्रकाशन प्रतिबंधित था। मीडिया इसके ख़िलाफ़ अदालत तक चला गया था. हालाँकि, अदालत ने आयोग का पक्ष लिया।
3.एग्जिट पोल्स क्या होते हैं और वो कैसे किए जाते हैं?
एग्जिट पोल्स वोट करके पोलिंग बूथ के बाहर आए लोगों से बातचीत या उनके रुझानों पर आधारित हैं. इनके जरिए अनुमान लगाया जाता है कि नतीजों का झुकाव किस ओर है. इसमें बड़े पैमाने पर वोटरों से बात की जाती है. इसे कंडक्ट करने का काम आजकल कई ऑर्गनाइजेशन कर रहे हैं.
4.एग्जिट पोल्स को टेलिकास्ट करने की अनुमति वोटिंग खत्म होने के बाद ही क्यों दी जाती है. इससे पहले क्यों नहीं?
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 126 ए के तहत वोटिंग के दौरान ऐसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए जो वोटरों के मनोविज्ञान पर असर डाले या उनके वोट देने के फैसले को प्रभावित करे. वोटिंग खत्म होने के डेढ़ घंटे तक एग्जिट पोल्स का प्रसारण नहीं किया जा सकता है. और ये तभी हो सकता है जब सारे चुनावों की अंतिम दौर की वोटिंग भी खत्म हो चुकी हो.
5.क्या एग्जिट पोल्स हमेशा सही होते हैं?
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है. अतीत में ये साबित हुआ है कि एग्जिट पोल्स ने जो अनुमान लगाए, वो गलत साबित हुए. भारत में एग्जिट पोल का इतिहास बहुत सटीक नहीं रहा है. कई बार एग्जिट पोल नतीजों के बिल्कुल विपरीत रहे हैं.
6.एग्जिट पोल्स कब शुरू हुए?
माना जाता है कि ये 1967 में सामने आए. एक डच समाजशास्त्री और पूर्व राजनीतिज्ञ मार्सेल वान डेन ने देश में चुनाव के दौरान एग्जिट पोल्स किया. हालांकि ये भी कहा जाता है कि इसी साल अमेरिका में ऐसा पहली बार एक राज्य के चुनावों के दौरान किया गया था. वैसे एग्जिट पोल्स जैसे अनुमान की बातों का 1940 में होना कहा जाता है.
7.इंडिया मे एक्जिट पोल जारी करणे वाली कंपनियाँ कोणसी हैं ?
C-fore:एक भारतीय रिसर्च फर्म है जो सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक अनुसंधान करती है।
Nielsen:एक वैश्विक मानक और डेटा विश्लेषण कंपनी है जो उपभोक्ता और बाजार डेटा प्रदान करती है।
Ipsos: एक फ्रेंच रिसर्च कंपनी है जो विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ अनुसंधान प्रदान करती है।
Axis My India: एक भारतीय मीडिया और रिसर्च कंपनी है जो राजनीतिक और सामाजिक अनुसंधान करती है।
Today's Chanakya: एक भारतीय एक्जिट पोल कंपनी है जो राजनीतिक चुनावों के लिए अपने अनुसंधानों के लिए जानी जाती है।
VMR Research:भारतीय और विदेशी बाजारों के लिए विशेषज्ञ रिसर्च प्रदान करने वाली एक कंपनी है।
इन कंपनियों की वेबसाइट से और विवरण प्राप्त कर सकते हैं