विनर्स अलग काम करने के बजाय वही काम करते हैं जो हर कोई करता है, वे बस उन्हें अलग तरह से करते हैं। -शिव खेड़ा
शिव खेडा-संघर्ष से सफलता तक की कहानी
दोस्तों भारत के अंदर समय-समय पर एक से बढ़कर एक कमाल के लेखक होते रहे हैं, जिन्होंने अपने लाजवाब लेखों से कई पीढ़ियों पर अपना असर छोड़ा है। ऐसे लेखकों में मुंशी प्रेमचंद, रवींद्रनाथ टैगोर और आर.के. नारायण की तरह ही बहुत सारे नाम शामिल हैं । हालांकि यह सभी लोग तो पहले के जाने माने लेखक हैं लेकिन आज हम एक ऐसे राइटर की बात करने जा रहे हैं जिनकी फॉलोइंग आजकल यूथ में सबसे ज्यादा है। जिनका नाम शिव खेड़ा है.
शिव खेड़ा का जन्म 13 अगस्त, 1961 को झारखंड के धनबाद में बिज़नेस फैमिली में हुआ था। "बिज़नेस फैमिली" से आपको लग सकता है कि वह अमीरी में पैदा हुए थे, लेकिन मिस्टर खेड़ा के मामले में ऐसा नहीं था। हालाँकि उनके परिवार के पास भारत में कोयले की खदानें थीं, लेकिन इन खदानों का राष्ट्रीयकरण हो गया और सरकार ने इन्हें अपने कब्जे में ले लिया। रातोंरात, खेड़ा परिवार गरीब हो गया, और शिव खेड़ा को अपने और अपने परिवार के लिए संघर्ष करना पड़ा।
शिव खेरा की 10वीं में ये फेल हो गये. परन्तु उन्होंने अपना मनोबल गिराया नहीं उन्होंने एक सकारात्मक सोच के साथ पहल की अपने आप में एक परिवर्तन लाया और अपने लक्ष को निशाना बना कर आगे की ओर बढे. इस सकारात्मक सोच का ही परिणाम उच्चतर माध्मिक परीक्षा में दिखा.. उन्होंने परीक्षा प्रथम क्षेणी में पास की .. और स्कूल शिक्षा के बाद बिहार के कालेज से पढाई की और वही से डिग्री प्राप्त की.
पारिवारिक कोयला खदानों को जब्त किए जाने से एक साल पहले उनके पिता का निधन हो गया था और वह अपने पीछे बड़ा कर्ज़ छोड़ गए, और उम्मीद थी कि शिव इन्हें चुकायेंगे। इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से कुछ हफ्ते पहले शिव की शादी हो गई थी, उनकी एक नई दुल्हन थी, वह जल्द ही गर्भवती हो गईं और उनकी एक बेटी हुई । खर्च और दबाव बढ़ने के साथ, शिव ने तीन अलग-अलग व्यावसायिक उपक्रमों में हाथ आज़माया, और ये सभी विफल हो गए।
खेड़ा ने भारत में अपना कारोबार बंद करने का विकल्प चुना और विदेश में संभावनाओं की तलाश शुरू करने की कोशिश की। उन्होंने 13 नवंबर, 1975 भारत छोड़ टोरंटो चले गए, जहां उन्होंने कार की धुलाई का काम किया। यह काम उन्होंने डेढ़ साल तक किया, फिर उन्होंने इंश्योरेंस बेचा और अच्छा प्रदर्शन न करने के कारण लगभग तीन महीने में ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।👉.Mr.बीन की कहानी
2.Todays Impressive thought
जीत हासिल करने वाला केवल लाभ देखता है,लेकिन हारने वाला दर्द.-शिव खेड़ा
2.जीवन को लेकर नज़रिये में बदलाव
कुछ महत्वपूर्ण क्षण थे जिन्होंने शिव के जीवन की दिशा बदल दी। इन क्षणों में से एक वह था उन्होंने डॉ नॉर्मन विंसेंट पील के एक कार्यक्रम में भाग लिया, जिन्होंने "द पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग" नामक पुस्तक लिखी है। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण था क्योंकि शिव खेड़ा ने महसूस किया कि दुनिया के बारे में उनकी धारणा गलत थी। वह पहले अपनी फेलियर के लिए दुनिया को दोषी ठहराते थे, जब वह यह भूल रहे थे कि वही अपने लिए सबसे बड़ी परेशानी हैं। बाहर से चीजें नहीं बदलीं, उनका रवैया काफी बदल गया। इस व्यवहारिक बदलाव ने शिव खेड़ा के जीवन की दिशा बदल दी। वह जल्द ही अमेरिका चले गए और तीन अलग-अलग बिज़नेस वेंचर शुरू किए। उन्होंने 1984 में कैलिफ़ोर्निया स्थित एक कंपनी के साथ गठजोड़ भी किया। उन्होंने इस कंपनी के न्यू जर्सी ऑपरेशन को बिना किसी ग्राहक के शुरू किया, लेकिन अंततः इसे लगभग 500 ग्राहकों के साथ बेच दिया।
शिव के रवैये में बदलाव ने उन्हें अपने पिछले इंश्योरेंस कार्यक्रम को एक अलग नजरिए से देखा। इंश्योरेंस कंपनी में काम करने के दौरान, उसे केवल कमीशन मिलता था और उन्हें भुगतान तभी मिलता था जब वह इंश्योरेंस पॉलिसी बिकती थीं। इस दौरान, वह ऐसे लोगों से भी मिले, जिन्हें दरअसल बिना काम के पैसे मिलते थे। इससे उन्हें समझ में आया कि पैसा बनाने और पैसा कमाने में बहुत बड़ा अंतर है। पैसा बनाने के लिए ज़रूरी नहीं कि आप खुद मेहनत करें, कमाने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है क्योंकि ऐसा करने के लिए आपको अपनी नैतिकता और ऊर्जा लगानी पड़ती है। इसलिए पैसा कमाना कहीं अधिक फायदेमंद था।
3.Todays Impressive thought
एक अच्छा लीडर हमेशा,और अधिक लीडर बनाने की कोशिश करता है, जबकि एक बेकार लीडर फॉलोवर बनाने की कोशिश करता है.
3.समाज के लिए कुछ करना
शिव खेड़ा को जब अपने व्यक्तिगत, प्रोफेशनल और सामाजिक जीवन में बदलाव दिखने लगा, तो उन्हें लगा कि उन्हें समाज के लिए कुछ करना चाहिए। उन्हें जीवन में किसी ने दिशा दी, वे इसके लिए बहुत आभारी थे। अब उन्होंने दूसरों को दिशा देने की सोची। उन्होंने अमेरिका की बेहद सख्त जेलों में स्वैच्छिक रूप से ऐसा किया। वह जिन अपराधियों के संपर्क में आए, वे कोई छोटे-मोटे अपराधी नहीं थे, बल्कि खूंखार अपराधी थे जिन्होंने गंभीर अपराध किए थे। खेड़ा ने उन्हें आत्म-सम्मान और ऐटीच्यूड कार्यक्रम सिखाना शुरू किया और उनके जीवन के प्रति उनकी धारणा को बदलने में उनकी मदद की। उनकी समझ को सफलता मिली और फिर उन्होंने दुनिया भर के साथ अपनी यह समझ साझा की। उनके ग्राहकों में आज कैनन, सिटीबैंक, डीएचएल, एचपी, मर्सिडीज-बेंज, नेस्ले, टाटा स्टील, सनोफी और मारुति सुजुकी आदि शामिल हैं।
उनका दृढ़ विश्वास है कि विनर्स अलग काम करने के बजाय वही काम करते हैं जो हर कोई करता है, वे बस उन्हें अलग तरह से करते हैं।
दोस्तों भारत के अंदर समय-समय पर एक से बढ़कर एक कमाल के लेखक होते रहे हैं, जिन्होंने अपने लाजवाब लेखों से कई पीढ़ियों पर अपना असर छोड़ा है। ऐसे लेखकों में मुंशी प्रेमचंद, रवींद्रनाथ टैगोर और आर.के. नारायण की तरह ही बहुत सारे नाम शामिल हैं । हालांकि यह सभी लोग तो पहले के जाने माने लेखक हैं लेकिन आज हम एक ऐसे राइटर की बात करने जा रहे हैं जिनकी फॉलोइंग आजकल यूथ में सबसे ज्यादा है। उन्होंने हाफ गर्लफ्रेंड, फाइव प्वाइंट समवन और टू स्टेट्स की तरह ही कई सारे प्रसिद्ध नॉवेल्स पर अपना नाम दर्ज करवाया है।वो है शिव खेडा.
4.Todays Impressive thought
यदि आप किसी हल के हिस्सा नहीं हो, तो इसका मतलब आप समस्या के हिस्सा हो.
5.Todays Impressive thought
जीतने वाला सोचता है,कि मुझे कुछ करना चाहिए.और हारने वाला सोचता हैं कि कुछ होना चाहिए..