Betaal Movie review

Vikas Jamdade
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Betaal Movie Review 

नमस्कार मित्रो क्या आपने बेताल वेब सिरीज देखी है.ये मूवी हॉरर सस्पेन्स मूवी है.इस फिल्म के कलाकार विनीत कुमार ,सूचीत्रा पिल्ले,अहना कुमरा,और जितेंद्र जोशी है.मूवी निर्देश पेत्रिक् ग्राहम,निखिल महाजन है.निर्माता ( रेड चिली एंटरटेनमेेेन्ट S K. ग्लोबल ) कम्पनी द्वारा निर्माण की गई है.lock dawn कि वजह से ये मूवी ott प्लॅटफॉर्म Netflix पर  रिलिज कि गई . यह नेटफ्लिक्स की दूसरी वेब सीरीज है जिसमें आप हॉरर के अलावा सब कुछ देख लेते हैं.यह फिल्म हमे  ब्रिटीश काल में लेे जाती है.1857 के वक्त मे सुरंग मे फसी अंग्रेजों की फौज की जिंदा लाशें (जॉम्बीज) हैंं.
Story

वेब सीरीज़ की कहानी एक आदिवासी गांव की है। जहां अजय मुदलावन नाम का कॉन्ट्रैक्टर हाइवे बना रहा है। लेकिन गांव वाले इसका विरोध करते हैं। एक पुराना टनल( सुरंग) है, जिसे खोलकर हाइवे से जोड़ना है। इसके लिए मुदलावन पर दवाब है कि मुख्यमंत्री जल्द ही पूजा करने वाले हैं और उसका opning  करणे वाले हैं.वहीं, मुदलावन के दबाव पर बाज स्क्वाड नाम की स्पेशल फोर्स गांव को खाली कराने पहुंच जाती है। इस फोर्स की हेड हैं त्यागी। वहीं, टीम को लीड कर रहे हैं विक्रम सिरोही यही टनल में 1857 के वक्त मे सुरंग मे फसी अंग्रेजों की फौज की जिंदा लाशें (जॉम्बीज) हैंं ओर उनका captain. सालों से फसा हैैं.फोर्स गांव खाली कराने के बाद जब टनल खोलने पहुंचती हैं, तो गांव की एक पुरानी महिला और कुछ आदिवासी बंदूक लेकर इसे रोकने के लिए खड़े हो जाते हैं। गांव वाले फोर्स और विक्रम को सावधान करते हैं कि टनल में शैतान है। लेकिन उन्हें नक्सली बताकर फोर्स हमला कर देती है। इसके बाद टनल को खोला जाता है। टनल को खोलते ही फोर्स के लिए दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। उसमें कुछ अजीब किस्म के शैतान निकलते हैं। क्या फ़ोर्स गावं वालो को और खुुदको बचा पाएगी.ये जिंदा लाशें अगर किसी को  काट  लेेेती हे तो वो भी अनंत काल  के लिए ज़िंदा लाश बन जाता है.तकनीक के मामले में यह आपको ठीक लग सकती है।'घउल' और 'घोस्ट स्टोरीज़' के बाद एक बार फिर नेटफ्लिक्स लोगों को डराने में असफल रहा है। वेब सीरीज़ में गिनकर दो से तीन ऐसे मौके आएंगे, जब आप डर जाएंगे। शायद डरेंगे नहीं, बल्कि आवाज़ और अचानक से आई तस्वीर से चौंक जाएंगे। पहली बार ऐसे जॉम्बी आए हैं, जो ब्रिटिश राज के हैं। वहीं, ख़ास बात है कि वह बंदूक और बम का सहारा ले रहे हैं। कुछ ऐसा है, जैसे कि 'पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन' से उठा लिया गया हो। हालांकि, ख़ास बात है कि वह किसी को भी गोली से नहीं मारते हैं, बल्कि काट लेते हैं। काटने के बाद आदमी भी जॉम्बी बन जाता है। लेकिन वह सबके साथ ऐसा नहीं करते हैं, वह भूत की तरह लोगों के दिमाग पर भी कब्जा कर लेते हैं। समझ में नहीं आता है कि क्या बनाने की कोशिश की गई है। कहानी काफी बचकानी है, इसे आगे बढ़ाने के लिए एक्शन का सहारा लिया गया है। वहीं, स्पेशल फौज की एंट्री के प्लॉट को इतना कमजोर बनाया गया है कि आपको अजीब लगता है। मतलब एक सड़क बनाने वाला ठेकेदार पूरी फोर्स को आदेश देता है और फोर्स का लीडर मनाता भी है।नेेेट पे ये मूवी देखिय  please shear 🙏.


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